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मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बड़े काम का अक्स/नक्शा

भू-अभिलेख नक्शा। बड़े काम का दस्तावेज। नमस्कार मित्रों..आज की यह पोस्ट भू अभिलेख विभाग के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड भू नक्शा की बारीकियों और उपयोगिता से संबंधित है, तो चलिए शुरू करते हैं... भू-नक्शा क्या है? #जानकार #भू-नक्शा #नक्शा #map #read_to_be_knowledgeble भू नक्शा भू-अभिलेख दस्तावेज है जो कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों पटवारिओ द्वारा क्षेत्र समस्याओं में उपयोग किया जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि भूमि का नक्शा अर्थात किसी एक राजस्व ग्राम की कुल भूमि के खेतों या भू-खंडों का एक निश्चित मापमान पर आधारित मानचित्र जिसमे प्रत्येक भू खंड या खेत की स्थिति के साथ ही उसका आकार,प्रकार एवम खसरा नंबर दर्शित रहता है। भू खंड की स्थिति से आशय है कि कहां पर अमुक खेत स्थित है उसकी लोकेशन क्या है। भू खंड का आकार अर्थात उसकी तीनो या चारों ओर की सीमाओं की स्थिति कैसी बनी हुई है। भू खंड का प्रकार अर्थात उसकी नवैयत जैसे जंगल भूमि,रास्ता,कुआ  देवस्थान या अन्य प्रयोजन से संबंधित है जिसको दर्शाने के लिए मानचित्र के निश्चित अलामातों/चिन्ह का उपयोग किया जाता

मेरी खतौनी में जमीन की क्या क्या जानकारी।

B-1 फार्म या खतौनी को पढ़ना सीखें। जानें खतौनी में आपकी जमीन के बारे में कहां क्या लिखा है? #जानकर #read_to_be_knowlegeble #khatoni #B1 नमस्कार मित्रों कल हमने खतौनी और उसकी उपयोगिता के बारे में जाना। आज हम इस दस्तावेज की जानकारी के बारे में बात करेंगे।तो चलिए शुरू करते हैं... भू-दस्तावेज खतौनी का विवरण कॉलम 1(खाते का अनुक्रमांक) - इस कॉलम में सरल क्रमांक होता है जो कि किसानों के नाम के अनुसार हिंदीवर्ण माला अक्षर के आधार पर उस किसान को 1 कृषि वर्ष में उसके राजस्व ग्राम के लिए तैयार किये गए रजिस्टर में प्राप्त होता है। कॉलम 2(भूमिस्वामी या शासकीय पट्टेदार का नाम)-  इसमे किसान का नाम उसके पिता या पति का नाम साथ ही उसका पता एवं स्वत्व/हक का प्रकार आदि अंकित रहता है। कॉलम 3(खाते में शामिल प्रत्येक भू मापन का क्रमांक) -- 1 किसान या उसके परिवार द्वारा धारित समस्त खसरा नम्बर अथवा खेतों के नंबर यहां अंकित रहते है।अतः आप यहां से जान सकते है कि आप के पास कितने खेत है।साथ ही इनका काउंटिंग योग भी इसी कॉलम में नीचे अंकित दर्ज रहता है। कॉलम 4 - इसमे कॉलम 3 में लिखे खसरा नंबर का

भू-दस्तावेज खतौनी (B-1) क्या होती है और इसकी क्या उपयोगिता है?

खतौनी या फार्म B-1 क्या है?जमीन से जुड़ी कौन सी जानकारी इसमें होती है? नमस्कार मित्रों.... पिछले पोस्ट से हम फार्म P-2 या खसरा और उसके खानावार/columnwise भरी जाने वाली एंट्रीज के बारे में जान चुके हैं। अब आगे इस पोस्ट में भू-अभिलेख के एक और महत्वपूर्ण दस्तावेज खतौनी या फार्म B-1 के बारे में जानेंगे। क्या होती है खतौनी? खतौनी भू-अभिलेख दस्तावेज होता है जिसमे  किसी एक क्षेत्र या राजस्व ग्राम में किसी कृषक या उसके परिवार द्वारा धारित कुल खेतों के नंबर या खसरा नंबर और उसकी कुल भूमि की जानकारी इंद्राज रहती है। खतौनी नाम से स्पष्ट है कि एक ऐसा रजिस्टर या जिल्द जिसमे कृषक या उसके परिवार द्वारा धारित कुल भूमि का विवरण खातेवार रहता है।इसीलिए इस दस्तावेज को खतौनी कहा जाता है। एक राजस्व ग्राम के कृषकों का यह विवरण राज्य सरकारों द्वारा एक निश्चित प्रारूप या फार्म B-1 के रूप में समाहित या संकलित होता है। अतः स्पष्ट है कि कृषकों का खातेवार विवरण जिस नियत प्रारूप में जो दस्तावेज बताता है वह खतौनी b1 कहलाता है। खतौनी भू-अभिलेख का सहायक दस्तावेज होता है जो कि मूल

Info of Your land docx.Description of Columns of Khasra or Form P-2 for understanding your land n it's use in written way.

In earlier post we have discussed about khasra form p-2. Now we will discuss about all 12 columns n it's descriptions. Column 1-- shows unique khasra or survey number of part of land in particular revenue unit like village. Column 2-- shows area of that khasra number.area of khasra number is in acre or hectare in unit. Column 3--shows details of land holder of that khasra number.name of holder of the part of land in particular area is described with father name,address,type of ownership etc Column 4-- relates with old fashioned duties like jamindari pratha, maurushi krashak.this is not important in now a days. Column 5 -- shows the name of crop  which is grown in that khasra no in one agriculture year.name of crop is entered by patwari or surveyer in time of girdavari. Column 6-- shows the area of crop which is entered by surveyed of revenue village.his much area covered by crop is written in this column. Column 7-- shows area in which farmers grow crops twice for

Form P-2( Khasra ) in Land Records? Important document for knowing your Land.

What is form P-2 ( khasra ) in land records ?Columns of khasra & it's description? #jaankaar   #landmutation   #bhoomi_namantran   #type_of_land_mutation #khasra #form_P-2 #Read_to_be_knowledgeable Hello Friends.... Today we will know about main record of land that is khasra.this is very important n main record.so basically khasra is a kind of register or jild in which numbers of land are arranged in increased manner like 1 2 3....So on. Number of lands are known as khasra number or survey number of land in particular area like revenue village of district. In one revenue village the total area of land are divided into many parts of land.each part of land have unique number in that particular area that is known as khasra number or survey number. When all khasra numbers are arranged in the form of P-2 then that jild or register of perticular area are called as KHASRA for that perticular area or revenue village. So form p-2 is a form designed by our state gove

Land Mutation ? When does it take place?

What is Land Mutation?When does it take place? Land mutation is a process under section 109,110 of MP land revenue code 1959.This process is for changing the name of land holder.Practically name of land holder is in writing in 3rd column of khasra (form P-2) which defines type of rights of land holder to particular land. So if you want to change the name of land holder in official documents of land record then you have to follow the whole process of land mutation. Land mutation/conversion take place in following two condition-- 1) Registry Mutation --- when someone buy land from land holder through stamp registered process.then buyer have to follow mutation process that is registry mutation of land.after completion of process name of land holder in 3rd column of khasra form p-2 has been change from seller to buyer. 2) Fauti mutation -- when land holder has been expire at any age in any condition like married or unmarried.then successor of that land holder has to app

Diversion of Land & it's necessity

What is Diversion of land ?Why is it necessary? When you want to use your land for non-agriculture activity then you need to do diversion of your land before use for non agricultural activity. Actually Govt of M.P. gives the rights to land owner for only agricultural activity.If you want to use your land for non agricultural activity,you have to follow process of land diversion of MP land revenue code 1959 under section 59 variation of land revenue according to use of land. Conditions for Diversion or What is non-agricultural activity? For the purpose of Diversion, an assessment for the land is done as per the use of the land, the holder has to determine the use on the following grounds or purpose:- In case the purpose of agriculture, a farmhouse being situated on the holding of one acre or more; A site for dwelling house purposes. For an educational purpose. For Industrial purpose. For the commercial purpose. For the purpose of mini