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भू-दस्तावेज खतौनी (B-1) क्या होती है और इसकी क्या उपयोगिता है?

खतौनी या फार्म B-1 क्या है?जमीन से जुड़ी कौन सी जानकारी इसमें होती है?

नमस्कार मित्रों....
पिछले पोस्ट से हम फार्म P-2 या खसरा और उसके खानावार/columnwise भरी जाने वाली एंट्रीज के बारे में जान चुके हैं।

अब आगे इस पोस्ट में भू-अभिलेख के एक और महत्वपूर्ण दस्तावेज खतौनी या फार्म B-1 के बारे में जानेंगे।

क्या होती है खतौनी?
खतौनी भू-अभिलेख दस्तावेज होता है जिसमे  किसी एक क्षेत्र या राजस्व ग्राम में किसी कृषक या उसके परिवार द्वारा धारित कुल खेतों के नंबर या खसरा नंबर और उसकी कुल भूमि की जानकारी इंद्राज रहती है।
खतौनी नाम से स्पष्ट है कि एक ऐसा रजिस्टर या जिल्द जिसमे कृषक या उसके परिवार द्वारा धारित कुल भूमि का विवरण खातेवार रहता है।इसीलिए इस दस्तावेज को खतौनी कहा जाता है।
एक राजस्व ग्राम के कृषकों का यह विवरण राज्य सरकारों द्वारा एक निश्चित प्रारूप या फार्म B-1 के रूप में समाहित या संकलित होता है।

अतः स्पष्ट है कि कृषकों का खातेवार विवरण जिस नियत प्रारूप में जो दस्तावेज बताता है वह खतौनी b1 कहलाता है।
खतौनी भू-अभिलेख का सहायक दस्तावेज होता है जो कि मूल भू-अभिलेख खसरा की सहायता से बनाया जाता है।
खसरा खेत के नंबर का क्रमबद्ध संकलन है तो वही खतौनी कृषको के खातों के हिंदी वर्ण माला के आधार पर वर्णवार संकलन है।

खतौनी की क्या उपयोगिता है?
खतौनी का उपयोग राजस्व अधिकारी कर्मचारी किसानों को उनके द्वारा धारित कुल भूमि प्रमाण पत्र प्रदान करने में करते हैं जिनकी जरूरत किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए पड़ती है।कई बार 1 किसान के 1 राजस्व ग्राम में कई खाते होते हैं जिन्हें जोड़कर एक खाता बनाना राजस्व कर्मचारियों के प्रमुख कर्तव्य में आता है,ताकि 1 किसान को भूमि धारण के आधार पर कितना लगान जैसे भू-राजस्व,पंचायत उपकर, शालाकर आदि कर लगना है उसका निर्धारण ठीक 2 हो सके।साथ ही  उन करों को वसूला जाकर राजस्व आय हो सके।
किंतु इस प्रकार की excercise या प्रक्रिया कमोवेश बहुत कम ही देखने को मिलती है।

कई बार बड़ा किसान खाते अलग अलग होने से छोटे किसानों की श्रेणी में रहता है इससे सरकार को राजस्व की हानि तो होती ही है साथ ही दस्तावेजो के आधार पर बड़ा किसान अपात्र होते हुए भी छोटे किसानों के लिए चल रही कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी लेने के लिए पात्र बना रहता है।जिससे छोटे किसानों का अप्रत्यक्ष रूप से कही न कही नुकसान होता है।इसलिए सरकार और उसके विभागों को अपने दस्तावेजो को संधारण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है,ऐसा मेरा आग्रह है।
अगली पोस्ट में हम खतौनी के नियत प्रारूप का columnwise विवरण देखेंगे तब तक के लिए stay read stay continue......thanx
#जानकार#read_to_be_knowlegeble

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